Thursday, 20 March 2014

पितृ दोष क्या है और उसका निवरण




पितृ दोष क्या है और उसका निवरण

पहले तो पितृ वो सब है जो लगभग दो साल किसी घर मे रहकर म्रित्यु को प्राप्त हो ! इन्ही के कर्म का दोष  पितृ दोष मे माना जाता है ! इसके अलावा माता पिता की सेवा मे कमी, उनका असंतोष संतान के लिये और उनका अनादर , सर्प हत्या , किसी भी निर्दोष की हत्या, हमारे ही किसी पूर्वज के द्वारा कोई अपराध , किसी पूर्वज के कार्मिक सम्बन्ध , पूर्वजो के असंतोष या इच्छा जो अंतिम समय अधूरी रह गयी हो, कुछ कर्मो के कर्ज  इत्यादी ! किन्ही  कारणो से पूर्वजो को गती मिलने मे परेशानी हो रही हो तो जीवित संतानो को परेशानी होती है! यही पितृ दोष माने जाते है ! लगभग सात पीडी तक के पूर्वज भी अपना असर डाल सकते है पर तीन पीडी तक के पूर्वज ज्यादा असर डालते है !
कुछ जगह पर तो पितृ अत्माओ को अन्य आत्माये अपने कब्जे मे ले लेती है (मांत्रिक, इत्यादी) और कष्ट देती है 



What are ancestral problems and what are the remedies.

First of all let us try to understand who our ancestors are. Anyone who has died after living two years in any family becomes the ancestor to that family. The problems occur when, due respect is not given to parents, they are not looked after well, killing a snake, killing any one without reason, any bad deed done by our ancestors, their hidden desires which they fail to fulfil, their anger towards their children , their karmic relation with living offspring etc.  Almost seven generation of our ancestors can affect us.  But maximum effect on us is up to three generations.     

 

In some cases higher levels of ghosts (Mantrik etc) possesses them and trouble them.

               



संकेत पितृ दोष के :-

घर मे व्यर्थके क्लेश , धन का संचय ना होना

तरक्की मे बाधा, पढाई मे बाधा

शादी होने मे बाधा, शादी-शुदा जिन्दगी मे बाधा

बच्चे के जन्म मे बाधा, गर्भ मे मृत्यु , बच्चे गिर जाना

घर मे प्रेत बाधा, घर के किसी सदस्य को किसी तरह की लत (नशे , अत्यधिक भोजन, वासना इत्यादी)

स्वप्न मे पित्रो का मदद मांगना या पितृ लोगो के दर्शन

 

Indications for ancestral problems

Tensions in home, financial problems without any apparent reasons

Abortion, repeated miscarriages, premature baby birth and innumerable death of children

                Disruption in education and career growth

                Ghost shadow, Addiction to some family member (Drugs, excessive eating, excessive Sexual thoughts, etc.)

               Seeing dead relative in dreams or asking for help in dreams.

 

 

 

उपाय

1.       धर्म के अनुसार आचरण करे

2.       घर से पूर्वजो के चित्र दिवार से हटा दे, और वस्त्र मे लपेट कर रख दे

3.       मासिक श्राध करे ! तिथीयो मे ब्र्हामण को भोजन करवाये ! जल का तर्पण करे ! गाय की सेवा करे !

4.       श्री दत्तात्र्य का चित्र रखे तथा “श्री गुरू देव दत्ता” का जप करे

5.       काले कुत्ते को और काग को भोजन और जल डाले

6.       विश्णू भगवान की अराधना करे

7.       माता – पिता की सेवा करे

8.       भ्रूंड हत्या का पाप ना करे

 

आजकल लोगो ने धर्म का आचरण लगभग छोड ही दिया है ! पितृ कर्म , पूजा इत्यादी का स्थान खत्म होता जा रहा है ! इंसान वो सह रहा है जो कभी नही सहा ! वो बिमारियो से ग्रस्त हो रहा है और उन परेशानियो का सामना कर रहा है जो अगर धर्म का आचरण करता तो बच सकता था !

Remedies

1.       Make your lifestyle according to dharma

2.       Remove the pictures of ancestor from wall and keep them safe in some secure place.

3.       Perform monthly shraddha. (Offerings to ancestors)

4.       On shraddha dates, invite a Brahmin for food. Offer water to ansistors. Feed and serve a cow.

5.       Keep a picture of lord Duttatrya in home, Recite “shree guru dev dutta” as japa.

6.       Feed a dog and a crow

7.       Worship Lord Vishnu

8.       Give respect to your father and mother.

9.       Never go for womb killing.

These days’ people have stopped spiritual activities. Lifestyle has changed and they do not believe in lifestyle according to Dharma. As the result they are facing those problems, those diseases, and problems which they could have been avoided.

 

 

 

आदेश आदेश
अलख निरंजन्

गुरू गोरक्षनाथ जी को आदेश

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