Tuesday 11 August 2015

अंजनेय










बजरंग बली को कौन नही जानता । सभी जानते है की अंजनेय या मारूती शक्ति के देवता है । शंकर सुवन महादेव का ही प्रतिरूप है यानी शक्ति और वैराग्य का अद्भुत संगम । वज्र अंग बली निर्भीक होकर पातल मे जा सकते है जहा जाना अन्य देवताओं के लिये असंभव है । (भैरव, काली, महादेव हनुमान इत्यादी कुछ ही देवता है जो पाताल मे बिना संकोच जा सकते है) ।
हर उस वस्तु मे जिसमे हनुमान जी का कोई चिनः हो वह वह उनकी ऊर्जा से स्तम्भित रहता है । सडक के किनारे के हनुमान मंदिर जिनमे हनुमान प्रतिमा हो वो सभी हनुमानजी की ऊर्जा रखते है । चाहे उस मंदिर मे मूर्ती स्थापना ना भी करी हो और पूजा भी ना होती हो । छोटा-मोटा भय, नजर , डर , ऊपरी समस्या इत्यादी के लिये काफ़ी है । श्रधा से जायें तो असर होगा।
भक्तो से निवेदन है की संशय ना रखे और अपने देवी-देवताओं पर विश्वास रखें । सबसे बडी बात है की यह सभी साधनायें सात्विक है तथा शुद्ध है । हनुमान जी का मुकाबला कोई मजार फ़कीर ढोंगी साधू इत्यादी नही कर सकते । अपने विश्वास को भटकने ना दें ।  

अलख निरंजन आदेश आदेश 
गुरू गोरक्षनाथ जी को आदेश

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